Indira Rasoi Yojana 2024: मात्र ₹8 में मिल रहा है भर पेट खाना, जानें योजना की मुख्य विशेषता

Indira Rasoi Yojana 2024: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत 20 अगस्त 2020 को की गई थी। इस योजना को शुरू करने राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी व्यक्ति भूखे पेट ना सोए। इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस योजना को शुरू किया गया। सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामने आने वाली खाद्य और पोषण संबंधित चुनौतियां का समाधान करना है।

Indira Rasoi Yojana के अंतर्गत राजस्थान के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को ताजा और पौष्टिक आहार सिर्फ ₹8 में दिया जाता है। जिससे  भोजन अनुभव में गरिमा और एकता को बढ़ावा मिलता है। प्रत्येक भोजन की थाली की लागत ₹25 है। जिसमें से ₹17 राज्य सरकार की ओर से मदद के रूप में दी जाती है। इसलिए लाभार्थियों को कुल मिलाकर ₹8 में भरपेट पौष्टिक आहार मिलता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम Indira Rasoi Yojana के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। जिसमें हम इस योजना के लाभ और विशेषताओं के बारे में बताएंगे। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Indira Rasoi Yojana क्या है?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा सबसे पहले Indira Rasoi Yojana को 213 शहरी क्षेत्र में 358 शेफों के साथ शुरू किया गया था। जिसके अंतर्गत राज्य की जनता को दो पौष्टिक भोजन दिए जाते थे। किंतु अब इस संख्या को बजट से जुड़े प्रावधानों के चलते बढ़ाकर 1000 तक कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा 18 सितंबर 2022 को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोई का उद्घाटन किया गया। जिससे वर्तमान में अब इनकी संख्या 870 तक पहुंच गई है।

इन आउटलेट्स को एनजीओ द्वारा प्रबंधित किया जाता है और इन्हें जिला स्तरीय में और मॉनिटरिंग समिति की ओर से निर्वाचित 300 स्थानीय एनजीओज के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। जिसके अध्यक्ष के रूप में जिला कलेक्टर का नेतृत्व किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अब तक राजस्थान Indira Rasoi Yojana के अंतर्गत 7.01 करोड़ भोजन प्लेट सेवित कर दिए गए हैं। जो निर्धारित किए गए लक्ष्य का 72.32% हिस्सा है।

सरकार द्वारा अब इस लक्ष्य को दैनिक रूप से 1.34 लाख व्यक्तियों को और वार्षिक रूप से 4.87 करोड़ लोगों को भोजन प्लेट सेवित करने का उद्देश्य रखा गया है। बजट भाषण 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा इंदिरा रसोई की संख्या को 1000 से बढ़कर 2000 करने का फैसला लिया है। जिससे हर साल 700 रुपए खर्च होगा।

Indira Rasoi Yojana Overview 

योजना का लाभ राज्य के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
किसके द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा
कब शुरू की गई 20 अगस्त 2020
नोडल विभाग राजस्थान सरकार स्थानीय निकाय विभाग

Indira Rasoi Yojana का उद्देश्य 

राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना का मुख्य उद्देश्य वंचित नागरिकों की भुखमरी को खत्म करना और उनको पौष्टिक आहार प्रदान करने की सुनिश्चितता को पूरा करना है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि, महंगाई की इस भयंकर दौड़ में जो परिवार गरीब हैं, उनको दो वक्त का खाना जुटाने में भी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार ने Indira Rasoi Yojana को शुरू करके इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है।

इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार ने करोड़ों गरीब और जरूरतमंदों दो मात्र ₹8 में ताजा पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना उन गरीब लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है जिन्हे दो वक्त का खाना भी बहुत मुस्किल से नसीब होता है। इंदिरा रसोई योजना के तहत, गरीब नागरिकों और कोरोनावायरस के दौरान आवश्यक नागरिकों को मुफ्त भोजन दिया गया है।

Indira Rasoi Yojana की विशेषताएं

इंदिरा रसोई योजना की बहुत सी विशेषताएं हैं जिनके बारे में हमने नहीं चाहिए पांच के माध्यम से बताया यदि आप भी इस योजना की विशेषताओं के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें

  • राजस्थान सरकार की दूरदर्शी योजना इंदिरा रसोई योजना, राज्य के गरीब नागरिकों को ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने “कोई भी भूखा न सोए” के मिशन के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • इसकी शुरुआत 20 अगस्त 2020 को हुई और यह राज्य के सभी 213 शहरी क्षेत्रों में 358 रसोई के माध्यम से संचालित हो रही है।
  • बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में रसोई की संख्या बढ़कर 1000 हो गई है।
  • इसका लक्ष्य प्रतिदिन 2.30 लाख और सालाना 9.25 करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है।
  • मेन्यू में प्रति प्लेट 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार शामिल है।
  • यह योजना एक विकेंद्रीकृत प्रारूप का अनुसरण करती है, जिसके तहत जिला स्तरीय समितियों को स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर स्थान, मेनू और भोजन के समय का चयन करने की स्वतंत्रता होती है।

भोजन दो समय में उपलब्ध है:

  • दोपहर का भोजन सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
  • रात्रिभोज शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक

जरूरत के अनुसार विस्तार केंद्रों के माध्यम से वितरित किया जाता है

Indira Rasoi Yojana के लाभ 

Indira Rasoi Yojana के अंदर लाभार्थियों को बहुत से लाभ मिलते है। जिनके बारे मे हमने नीचे बताया है। इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले लाभ इस प्रकार हैं:-

  • Indira Rasoi Yojana के अंतर्गत राज्य के गरीब लोगों को सहायता मिलती है, जिससे दिन में दो बार स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन मिलता है।
  • मात्र ₹8 देकर लाभार्थियों को पूरा भोजन मिलता है।
  • हर रोज ₹100 कमाने वाला व्यक्ति ₹16 में दो बार भोजन का लाभ ले सकता है।
  • यह योजना न केवल भूख को तत्काल खत्म करने में मदद करती है, बल्कि जरूरतमंद आबादी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।
  • इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से प्रतिदिन 1.34 लाख और सालाना 4.87 करोड़ लोगों को भोजन की थाली उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसे जरूरत के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है।
  • लाभार्थी को ₹8 में शुद्ध, ताजा और पौष्टिक भोजन। भोजन गरिमापूर्ण तरीके से परोसा जाता है।

Indira Rasoi Yojana के लिए पात्रता 

आवश्यक है यदि आप भी इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत पौष्टिक आहार का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको नीचे दी गई इन पात्रता को पूरा करना अनिवार्य है:-

  • इंदिरा रसोई योजना के अंतर्गत केवल राजस्थान के स्थाई निवासी ही लाभ ले सकते हैं।
  • राजस्थान में रहने वाले जिन परिवारों की आयु बहुत ही कम है उनको इस योजना के अंतर्गत पात्र रखा गया है।

इंदिरा रसोई योजना मेन्यू

  • 100 ग्राम दाल
  • 100 ग्राम सब्जी
  • 250 ग्राम चपाती एवं आचार

इस मेनू को जिला स्तरीय समिति द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है।

निष्कर्ष

ऊपर लिखे गए इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको इंदिरा रसोई योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी है यदि आप भी राजस्थान राज्य के स्थान निवासी हैं तो आप इंदिरा रसोई योजना का लाभ उठाकर मात्र ₹8 में भरपेट भोजन प्राप्त कर सकते हैं माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी द्वारा शुरू की इस यह योजना एकता एवं सहानुभूति की भावना को दर्शाते हुए भूख की समस्या के समाधान में अपनी भूमिका को परिभाषित करता है।

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